Saturday 30 May, 2009

लीजा बनी भोजपुरी फिल्मों की नई संभावना

सोंधी मिट्टी की महक इंसान को उसके गांव की याद दिला देती है और भागमभाग तेज रफ्तार से दौड़ती जिंदगी के बीच भी इंसान के चेहरे पर हंसी की जो मुस्कान फूटती है वो देखते ही बनती है। फिर सबकुछ अपना-अपना-सा लगता है। शायद यही कारण है कि अपने पहले आईटम सांग से धूम मचाने वाली कोमल कामुक लीजा मलिक भोजपुरी फिल्मों की नई संभावना बना गई है।

हालिया प्रदर्शित अपने आईटम सांग से सुपरहिट हुई भोजपुरी फिल्म दरोगा जी चोरी हो गईल में भोजपुरी फिल्मों के सम्राट मनोज तिवारी, सुदीप पांडे्य और विनीत कुमार के साथ लीजा ने भोजपुरी फिल्मों में पर्दापण किया। नृत्य उनका पहला और आखिरी शौक था और शायद यही कारण है कि जब दबा ले, दबा ले, दबा ले, हमारी गिलौरी दबा ले... का छांयाकन हुआ तो सेट पर मौजूद लोगों ने दांतो तले अंगुली दबा ली और लीजा का यह पहला गीत ही भोजपुरी फिल्मों में एक इतिहास बन गया।

भोजपुरी फिल्मों के पंडितों के लिहाज से इस फिल्म की सफलता का सारा श्रेय इस आइटम सांग को ही जाता है और उनके अनुसार आइटम सांग की इस भोजपुरीया इंडस्ट्री में लीजा एक नई संभावना बनकर उभरी है।

देश का दिल कहे जाने वाली दिल्ली से मिस दिल्ली का खिताब जीतने वाली लीजा के पैरों में कक्षा तीन से ही थिरकन होती थी। स्कूल, कालेज के सारे नृत्य के कार्यक्रमों में वो अव्वल रही और फिर सोने की लोकप्रिय कार्यक्रम बुगी-बुगी में अपने नृत्य के जौहर लीजा ने दिखाए। दिल्ली में इतना सब करने के बाद अब दिल्ली में लीजा का दिल भर गया था और मुंबई अब उनके लिए कोई दूर भी नहीं था।

मुंबई आकर लीजा ने तमाम टीवी कामर्शियल में काम किया, स्टेज शोज किए और फिर उनका पहला एलबम रिलीज हुई चिक्स आन फायर, जिसने सफलता की हदों को पार किया। उसके बाद तो लीजा के कैरियर की गाड़ी राजधानी की रफ्तार से दौड़ने लगी। आओ ना और मिका द्वारा रिमिक्स और उन्हीं पर लीजा के साथ फिल्माया गया सिम्पली लीजा सफलता के सारे मानदंड़ों को पार कर गया।

इसी दौरान निर्देशक विक्रम भट्ट की लीजा पर नजर पड़ी और उन्होंने उसे सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे डायरेक्टस कट कट 10 की एक कहानी में एक केंद्रीय किरदार दे डाला, जो काफी सराहा भी गया।

डांसिंग क्वीन मं लीजा ने अपने लुभावने नृत्य से सभी को लुभा लिया और फिर जब मौका भोजपुरी फिल्म में आइटम सांग का आया तो उसने उसे भी स्वीकार किया और हिट कर सिद्ध कर दिया कि कला किसी भाषा की मोहताज नहीं होती और शायद इसी कारण इतने थोड़े समय में लीजा भोजपुरी फिल्मों की एक नई संभावना बनकर उभरी है।

-- शंकर मराठे

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